Hello Friends आजकल की भागदौड़ भरी ज़िन्दगी में अधिकतर लोगों की आँखों से नींद चली गई है और ऊपर से प्यार वाली बीमारी रात भर जागने पर मजबूर कर देती है आँखों से सारी नींद गायब कर देती है। आज हमारे कलेक्शन में आपको नींद पर शायरी ,नींद शायरी,नींद स्टेटस ,नींद कोट्स पढ़ने को मिलेगी दोस्तों आपको हमारा आर्टिकल यदि अच्छा लगे तो कमेंट करना भूले।
दिल तो हैं 🖉जिस्म में मगर धड़कन🖉 कहीं और है
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आज फिर नींद🖉 में उठकर इधर उधर🖉 Dhoondhte है तुझे
क्यों ख़्वाबों 🖉 में इतने करीब चले आते 🖉हो तुम
क्यों ख़्वाबों 🖉 में इतने करीब चले आते 🖉हो तुम
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मुझे नींद🖉 का शौक कुछ ज्यादा 🖉ही होने लगा है,
तेरे ख्वाब 🖉ना देख लूँ तो अगले दिन🖉 गुजारा नहीं होता
मुझे नींद🖉 का शौक कुछ ज्यादा 🖉ही होने लगा है,
तेरे ख्वाब 🖉ना देख लूँ तो अगले दिन🖉 गुजारा नहीं होता
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तुम्हें नींद 🖉नहीं आती तो कोई और🖉 वजह होगी
अब हर🖉 ऐब के लिए कसूरवार 🖉इश्क तो नहीं
अब हर🖉 ऐब के लिए कसूरवार 🖉इश्क तो नहीं
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मूदतों बाद 🖉उसे ख़्वाब में आते 🖉देखा
नींद में मर 🖉गए लेकिन ख़्वाब से 🖉 निकले नही हम
नींद में मर 🖉गए लेकिन ख़्वाब से 🖉 निकले नही हम
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जागना भी 🖉 कबूल हैं उनकी यादों 🖉 में रात भर,
उनके एहसासों 🖉में जो सुकून है वो नींद 🖉 में कहाँ
उनके एहसासों 🖉में जो सुकून है वो नींद 🖉 में कहाँ
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एहसास🖉 ए 🖉मोहब्बत क्या है ज़रा🖉 हमसे पूछो
करवट तुम 🖉 बदलते हो नींद मेरी 🖉 खुल जाती है
करवट तुम 🖉 बदलते हो नींद मेरी 🖉 खुल जाती है
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दब गई 🖉 है नींद कही करवटों के 🖉 बीच में
दर पे 🖉 खड़े रहते हैं कुछ ख्वाब 🖉 रात भर
दर पे 🖉 खड़े रहते हैं कुछ ख्वाब 🖉 रात भर
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तुमसे पहले 🖉 भी रातें हमारी 🖉 बीतती थी
बिना नींद 🖉 के ही आने से इन आंखों 🖉 को अब
जागने का 🖉एक मतलब🖉 मिल गया
तुमसे पहले 🖉 भी रातें हमारी 🖉 बीतती थी
बिना नींद 🖉 के ही आने से इन आंखों 🖉 को अब
जागने का 🖉एक मतलब🖉 मिल गया
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नींद आए भी तो कैसे ख़्वाबों का पहरा है
ख़ुद से टूटी हुई कुछ बातों ने इसे घेरा है
ख़ुद से टूटी हुई कुछ बातों ने इसे घेरा है
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मोहब्बत कर ली
अब रातो मे नींद कैसे आएगी
मोहब्बत कर ली
अब रातो मे नींद कैसे आएगी
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ज़रा देखना उठ गयी क्या वो नींद से,
बहुत सोती है ये हुस्न वालिया
बहुत सोती है ये हुस्न वालिया
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हम नींद के शौक़ीन ज्यादा तो नहीं लेकिन,
तेरे ख्वाब न देखूं तो गुज़ारा नहीं होता
हम नींद के शौक़ीन ज्यादा तो नहीं लेकिन,
तेरे ख्वाब न देखूं तो गुज़ारा नहीं होता
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कहती है उसकी बाँहो मे ही आऊँगी.
इस नींद के भी नखरे हज़ार है
इस नींद के भी नखरे हज़ार है
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नींद को आज भी शिक़वा है मेरी
आँखो से मैंने आने न दिया उसको कभी
तेरी याद से पहले
आँखो से मैंने आने न दिया उसको कभी
तेरी याद से पहले
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हमें भुलाकर सोना तो तेरी आदत ही बन गई है
किसी दिन हम सो गए तो तुझे नींद से नफ़रत हो जायेगी
किसी दिन हम सो गए तो तुझे नींद से नफ़रत हो जायेगी
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ख़्वाब आंखों से गए नींद रातों से गई
वो गयी तो ऐसा लगा जिंदगी हाथों से गई
वो गयी तो ऐसा लगा जिंदगी हाथों से गई
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इक ख़ौफ़🖉 है जो कुछ नहीं 🖉करने देता
इक ख़्वाब🖉 है जो नींद में 🖉तड़पाता है
इक ख़्वाब🖉 है जो नींद में 🖉तड़पाता है
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तु दिल से ना जाये तो मैं क्या करू
तु ख्यालों से ना जाये तो मैं क्या करू
तु ख्यालों से ना जाये तो मैं क्या करू
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Wo Mere Dil Par
Sar Rakh Kar Soi Thi Bekhabar
Humne Dhadkan Hi Rok Li
Ki Kahin Uski Neend Na Toot Jaye
Sar Rakh Kar Soi Thi Bekhabar
Humne Dhadkan Hi Rok Li
Ki Kahin Uski Neend Na Toot Jaye
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कहते है 🖉 ख्वावों में होगी 🖉 मुलाकात उनसे
लेकिन नींद🖉 न आये तो मैं 🖉 क्या करू
लेकिन नींद🖉 न आये तो मैं 🖉 क्या करू
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Neend Bhi Nilaam Ho Jati Hai
Bazaar-e-Ishq Mein
Itna Aasan Nahi Hai
Kisi Ko Bhula Kar So Jana
Bazaar-e-Ishq Mein
Itna Aasan Nahi Hai
Kisi Ko Bhula Kar So Jana
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आज न🖉 नींद आई न🖉 ख्वाब आए
तुम जो 🖉ख्यालो मे 🖉बेहिसाब आए
तुम जो 🖉ख्यालो मे 🖉बेहिसाब आए
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Aap Ki Yaadein
Kuchh Iss Tarah Aati Hai
Neend Aati Nahin
Aur Raat Guzar Jaati Hai
Kuchh Iss Tarah Aati Hai
Neend Aati Nahin
Aur Raat Guzar Jaati Hai
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नीद में सपना देखा तों ख्वाब बन गया
ख्वाबो में ही सही मिले आप
ज़िन्दगी भर का किस्सा बन गया
नीद जब खुली तों ना सपना था
और ना कोई अपना था
ख्वाबो में ही सही मिले आप
ज़िन्दगी भर का किस्सा बन गया
नीद जब खुली तों ना सपना था
और ना कोई अपना था
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Mahekta Hua Jism Tera
Gulab Jaisa Hai
Neend Ke Safar Mein
Tu Khwaab Jaisa Hai
Gulab Jaisa Hai
Neend Ke Safar Mein
Tu Khwaab Jaisa Hai
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कितने आँसू 🖉एक साथ आंखों में 🖉आ जाते है
नींद उड़ 🖉जाती है तब जब उनका ख्याल 🖉आ जाता हैं
नींद उड़ 🖉जाती है तब जब उनका ख्याल 🖉आ जाता हैं
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मेरे कलम से लफ्ज़ खो गए शायद
आज वो भी बेवफा हो गए शायद
जब नींद खुली तो पलकों में पानी था
मेरे ख्वाब मुझपे रो गाए शायद
मेरे कलम से लफ्ज़ खो गए शायद
आज वो भी बेवफा हो गए शायद
जब नींद खुली तो पलकों में पानी था
मेरे ख्वाब मुझपे रो गाए शायद
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Two line neend shayari in hindi
नींद से 🖉क्या शिकवा जो आती नहीं 🖉रात भर,
कसूर तो 🖉उस चेहरे का है,जो सोने 🖉नही देता
कसूर तो 🖉उस चेहरे का है,जो सोने 🖉नही देता
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गैर मुकम्मल सी जिन्दगी,
वक्त कि बेतहाशा रफ्तार
रात इकाई नींद दुहाई,
ख्वाब सैकडा दर्द हजार
वक्त कि बेतहाशा रफ्तार
रात इकाई नींद दुहाई,
ख्वाब सैकडा दर्द हजार
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कहते हैं 🖉कि इश्क में नींद🖉 उड़ जाती है
तो कोई🖉 हमसे भी इश्क🖉 कर लो
कमबख्त 🖉मुझे नींद🖉 बहुत आती है
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अधूरी मोहब्बत 🖉मिली तो नींदें भी 🖉रूठ गयी,
गुमनाम ज़िन्दगी🖉 थी जब कितने सकून से 🖉सोया करते थे
गुमनाम ज़िन्दगी🖉 थी जब कितने सकून से 🖉सोया करते थे
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जो गुजारी न जा सकी हम ने वो जिंदगी गुजारी है
बिन तुम्हारे कभी नहीं आई क्या मेरी नींद भी तुम्हारी है
बिन तुम्हारे कभी नहीं आई क्या मेरी नींद भी तुम्हारी है
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नींद भी नीलाम हो जाती है
दिलो के महफिलो मे जनाब
किसी को भुलाकर सो जाना
इतना असान नही होता
दिलो के महफिलो मे जनाब
किसी को भुलाकर सो जाना
इतना असान नही होता
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तन्हाईयों में 🖉 मुस्कुराना भी 🖉इश्क है
इस बात 🖉को सबसे छुपाना भी🖉 इश्क है
इस बात 🖉को सबसे छुपाना भी🖉 इश्क है
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यु तो नींद नहीं आती हमें रात भर
मगर सोते-सोते जागना और जागते-जागते सोना भी इश्क है
मगर सोते-सोते जागना और जागते-जागते सोना भी इश्क है
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पगली जागना 🖉 भी मंजूर है मुझे तेरी🖉 यादों मे
रात भर 🖉जितना तेरे एहसासों मे 🖉सुकून हैं उतना उस नींद🖉 मे कहाँ
रात भर 🖉जितना तेरे एहसासों मे 🖉सुकून हैं उतना उस नींद🖉 मे कहाँ
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मुझे भी अब नींद की तलब नहीं रही
अब रातों को जागना अच्छा लगता है
मुझे नहीं मालूम वो मेरी किस्मत में है या नहीं
मगर उसे खुदा से माँगना अच्छा लगता है
अब रातों को जागना अच्छा लगता है
मुझे नहीं मालूम वो मेरी किस्मत में है या नहीं
मगर उसे खुदा से माँगना अच्छा लगता है
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मिलना तो हो जाये ख्वाबों में भी
पर इस कदर खुद को तड़पाना भी इश्क़ है
पर इस कदर खुद को तड़पाना भी इश्क़ है
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आँखो का 🖉यूँ नींद से🖉 बगावत कर,
किसी की🖉 यादों में जागना भी 🖉इश्क़ है
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नींद सुबह की लगती है सबको प्यारी,
उठना जरुरी भी, कि जिम्मेदारी बहुत सारी हैं
उठना जरुरी भी, कि जिम्मेदारी बहुत सारी हैं
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मैं दिन हूँ, मेरी शाम तुम हो
मैं नीँद हूँ , मेरा ख़्वाब तुम हो
मैं नीँद हूँ , मेरा ख़्वाब तुम हो
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जिस रात तु मेरे सपनो मे आ जाती हैं
उस रात नीद से उठना नही चाहते है
उस रात नीद से उठना नही चाहते है
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मैं लब हूँ, मेरी बात तुम हो
मैं तब हूँ जब मेरे साथ तुम हो
मैं लब हूँ, मेरी बात तुम हो
मैं तब हूँ जब मेरे साथ तुम हो
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तुमसे पहले 🖉भी रातें हमारी🖉 बीतती थी बिना नींद के ही🖉 आने से
इन आंखों 🖉को अब जागने का एक मतलब 🖉मिल गया
इन आंखों 🖉को अब जागने का एक मतलब 🖉मिल गया
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नींद से क्या शिकवा जो आती नहीं रात भर,
कसूर तो उस चेहरे का है, जो सोने नही देता
कसूर तो उस चेहरे का है, जो सोने नही देता
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ज़िंदगी भी एक खेल ही है
बचपन मे कौआ उड़ मैना उड़
जवानी में नींद उड़ चैन उड़
बचपन मे कौआ उड़ मैना उड़
जवानी में नींद उड़ चैन उड़
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